राम राम किसान साथियों जैसा की आप सभी को मालूम है कि लाल मिर्च रसोई का एक बहुत ही अहम हिस्सा है। लाल मिर्च एक प्रकार की मसाला फसल है। और इसका वैज्ञानिक नाम केप्सिकम एन्नुम होता है। किसान भाइयों इस वर्ष लाल मिर्च के दाम (Red Chili Rates) में लगभग एक तिहाई की कमी आयी है और इसका प्रमुख कारण है- आंध्रप्रदेश, कर्नाटक तथा तेलंगाना राज्यों में लाल मिर्च की नई फसल मंडियों में आए जाना। और मंडी के व्यापारियों के अनुसार लाल मिर्च के भावों में कमी का सबसे बड़ा कारन है- लाल मिर्च का बहुत अधिक स्टॉक होना और लाल मिर्च की मांग अधिक ना होना।
किसान साथियों आप सभी जानते है कि लाल मिर्च का मसलों में एक बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। लाल मिर्च का उपयोग हम अपने खाने को अधिक लाजवाब और तीखा बनाने के लिए करते है। आंध्रप्रदेश, कर्नाटक तथा तेलंगाना मिर्च के प्रमुख उत्पादक राज्य है। इसका उपयोग मुख्य रूप से आचार, सब्जियों आदि में मसाले के रूप में उपयोग किया जा सकता है। लेकिन हाल ही में लाल मिर्च की नई आवक में बढ़ोतरी होने के कारण लाल मिर्च के दाम (Red Chili Rates) में भारी गिरावट देखने को नजर आ रही है।
लाल मिर्च के दाम (Red Chili Rates) में गिरावट का कारण-
किसान भाइयों अखिल भारतीय मिर्च निर्यातक संघ के अध्यक्ष संबाशिव राव वेलागापुड़ी के अनुसार इस वर्ष आंध्रप्रदेश के क्षेत्र में मिर्च की फसल की बुवाई में लगभग 30 प्रतिशत की गिरावट रही थी। परन्तु इतनी अधिक गिरावट के बावजूद भी मिर्च की फसल की पैदावार बहुत अधिक अच्छी हुयी है। लेकिन लाल मिर्च कीमतों में गिरावट का सबसे बड़ा कारण है फसल की अच्छी पैदावार और गत वर्ष की लाल मिर्च का बहुत अधिक स्टॉक होना है।
लाल मिर्च (Red Chili) का स्टॉक कितना है-
किसान साथियों लाल मिर्च के दामों में गिरावट का एक सबसे प्रमुख कारण है कोल्ड स्टोरेज में पिछले साल का बहुत अधिक स्टॉक होना है। अखिल भारतीय मिर्च निर्यातक संघ के अध्यक्ष संबाशिव राव वेलागापुड़ी के अनुसार गुंटूर में लगभग 30-31 लाख बैग होने की संभावना है साथ ही आंध्रप्रदेश के कोल्ड स्टोरेज में लगभग 36-38 लाख बैग होने की संभावना है। और इन बैगो में एक बेग में लगभग 40 किलो लाल मिर्च का अनुमान है। और तेलंगाना राज्य के कोल्ड स्टोरेज में लगभग 33-35 लाख बैग होने का अनुमान है। इसके अलावा कर्नाटक राज्य के हुबली के एक ट्रेडर्स के अनुसार हुबली में जिस जगहों पर कम तीखी मिर्चों की फसल की खेती की जाती है वहाँ भी गत वर्ष का लगभग 38-40 लाख बैगो का स्टॉक उपलब्ध है।
लाल मिर्च के दाम (Red Chili Rates) में कितनी गिरावट हुई है-
किसान साथियों इस बार कर्नाटक के हुबली के हम्पाली ट्रेडर्स के अनुसार इस बार बाजार में नई लाल मिर्च की आवक बहुत ही अच्छी और अधिक हो रही है। लेकिन लाल मिर्च की मांग अधिक न होने के कारण और गत वर्ष का बहुत ज्यादा स्टॉक होने के कारण बाज़ार में नरमाई देखी जा रही है। मिर्च की किस्म जिसका नाम है-ब्यादगी केडीएल। इस किस्म की मिर्च का गत वर्ष जनवरी के माह में दाम लगभग 50000-55000 रूपये प्रति क्विंटल तक था। लेकिन गत वर्ष का बहुत अधिक स्टॉक होने के कारण इस वर्ष जनवरी माह में मिर्च का दाम लगभग 30000-33000 रूपये प्रति क्विंटल चल रहा है। लाल मिर्च के दामों में देखी जा रही यह कमी गत वर्ष की तुलना में लगभग 41 प्रतिशत कम है।
लाल मिर्च के ताजा दाम (Red Chili Rates)-
किसान साथियों हाल ही में मिर्च की नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है। और नई लाल मिर्च के दामों में गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष कम नजर आ रही है।
किस्म का नाम | इस वर्ष नए भाव ( रूपये प्रति क्विंटल) |
गत वर्ष के भाव (रूपये प्रति क्विंटल) |
तेजा किस्म | 13000-15000 रूपये | 18000-21000 रूपये |
यूएस 341 किस्म | 12000-15000 रूपये | 15000-18000 रूपये |
देवनूर डीलक्स (डीडी) किस्म | 12000-14000 रूपये | 15000-19000 रूपये |
एस-10-334 किस्म | 11000-14000 रूपये | 14000-17000 रूपये |
एस-4 सनम किस्म | 11000-14000 रूपये | 14000-17000 रूपये |
लाल मिर्च (Red Chili) का सबसे ज्यादा निर्यात कहाँ होता है-
किसान साथियों अखिल भारतीय मिर्च निर्यातक संघ के अध्यक्ष संबाशिव राव वेलागापुड़ी के अनुसार भारतीय लाल मिर्च का सबसे बडा बाजार चीन है और हाल ही में चीन के साथ निर्यात चल रहा है। लेकिन लाल मिर्च के दाम कम मिल रहे है। वेलगापुड़ी के अनुसार चीन में फैले संक्रमित वायरस HMPV के प्रकोप से लाल मिर्च के निर्यात पर किसी भी प्रकार का कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ रहा है। इनके अनुसार बांग्लादेश के साथ कुछ समस्याओ का सामना करन पड़ रहा है।