मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में कैबिनेट की मीटिंग सरकार ने दिए कई बड़े तोहफे

मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में मंत्रिमण्डल की बैठक आयोजित हुई। बैठक में दिव्यांगजन कल्याण, कर्मचारी कल्याण, नगर सुधार न्यास एवं विकास प्राधिकरणों में सुशासन और अक्षय ऊर्जा से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले किए गए मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में मंत्रिमण्डल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय कोचिंग सेंटर्स को कानूनी दायरे में लाने के लिए आएगा विधेयक राज्य कौशल नीति का अनुमोदन, इंडस्ट्री 4.0 के लिए तैयार होंगे युवा दिव्यांगजनों के हितों को सुनिश्चित करेगी समान अवसर नीति।

Cabinet meeting chaired by Chief Minister Bhajan Lal Sharma

मंत्रिमण्डल की बैठक के बाद उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचन्द बैरवा एवं संसदीय कार्यमंत्री श्री जोगाराम पटेल ने बताया कि प्रदेश में संचालित कोचिंग केन्द्रों पर प्रभावी नियंत्रण करने और इनमें पढ़ रहे विद्यार्थियों को मानसिक संबल एवं सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से दि राजस्थान कोचिंग सेंटर्स (कंट्रोल एण्ड रेगुलेशन) बिल-2025 के प्रस्ताव पर आज स्वीकृति प्रदान की गई। यह विधेयक केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों, राज्य की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए एवं विभिन्न स्टेक होल्डर्स के साथ विचार-विमर्श के अनुसार तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि कोचिंग सेन्टर्स की व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी बनाये जाने के लिए राज्य स्तरीय पोर्टल एवं विद्यार्थियों की काउंसलिंग के लिए 24ग्7 हेल्पलाइन भी स्थापित की जायेगी।

राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट्स (कंट्रोल एण्ड रेगुलेशन) अथॉरिटी का होगा गठन

उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचन्द बैरवा ने बताया कि प्रस्तावित कानून के अस्तित्व में आने के बाद प्रत्येक कोचिंग संस्थान को रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा। 50 या 50 से अधिक अध्ययनरत विद्यार्थियों वाले कोचिंग सेन्टर्स को कानूनी दायरे में लाया जायेगा एवं साथ ही छात्रों के लिए सुरक्षित, अनुशासित एवं अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराया जायेगा। प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग के प्रभारी सचिव की अध्यक्षता में राजस्थान कोचिंग इंस्टीट्यूट्स (कंट्रोल एण्ड रेगुलेशन) अथॉरिटी का गठन किया जाएगा। अथॉरिटी के अधीन प्रत्येक जिले में जिला मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में एक जिला समिति का गठन किया जाएगा। 

युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी राज्य कौशल नीति

श्री जोगाराम पटेल ने कहा कि मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित राज्य कौशल नीति औद्योगिक क्षेत्रों की मांग के अनुरूप युवाओं को विशेष कौशलों में प्रशिक्षित कर वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करेगी और राज्य के औद्योगिक विकास में सहायक सिद्ध होगी। इस नीति के माध्यम से आईटीआई को नए युग के उन्नत कौशल केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। आईटीआई में नए कोर्स, मॉड्यूल और उद्योगों के साथ ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी संभागीय मुख्यालयों में मॉडल कैरियर सेंटर स्थापित कर युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, कैरियर परामर्श, इंटर्नशिप और रोजगार के अवसरों की जानकारी दी जाएगी। 

See also  राष्ट्रीय ग्रामीण मनोरंजन मिशन सोसाइटी के 7989 पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी

आधुनिक तकनीक से जोड़कर युवाओं को किया जाएगा प्रशिक्षित

उन्होंने कहा कि राज्य कौशल नीति के अन्तर्गत ऑटोमेशन, एआई, मशीन लर्निंग, आईओटी, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और साइबर सुरक्षा जैसे आधुनिक तकनीक वाले क्षेत्रों में प्रशिक्षण देकर युवाओं को इंडस्ट्री 4.0 के लिए तैयार किया जाएगा। स्थानीय औद्योगिक क्लस्टरों के पास कौशल प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। रिक्रूट, ट्रेन, डेप्लॉय मॉडल के तहत स्थानीय उद्योगों की जरूरतों के अनुसार युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस नीति में अनुभवी श्रमिकों के कौशल प्रमाणीकरण, री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग कार्यक्रमों पर विशेष बल दिया जाएगा ताकि श्रमिक बदलते औद्योगिक वातावरण में तालमेल बिठा सकें।

सॉफ्ट स्किल्स, कम्युनिकेशन और उद्योग-विशिष्ट प्रशिक्षण पर रहेगा फोकस

श्री पटेल ने कहा कि इस नीति के अन्तर्गत युवाओं को उद्योग की नई आवश्यकताओं के अनुसार उन्नत पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के लिए विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय का आधुनिकीकरण कर विशेष कौशल केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसी प्रकार, श्री विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड द्वारा पारम्परिक कारीगरों को बेहतर कौशल और व्यापक बाजार तक पहुंच प्रदान करने के लिए काम किया जायेगा। राजस्थान में फ़िनिशिंग स्कूलों की स्थापना कर छात्रों को सॉफ्ट स्किल्स, संचार क्षमता और उद्योग-विशिष्ट प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। अप्रेंटिसशिप और इंटर्नशिप के लिए भी राज्य सरकार द्वारा विशिष्ट योजना बनाई जाएगी। प्रवासी श्रमिकों के लिए विशेष प्रवासन सहायता केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो रोजगार, आवास और अन्य आवश्यक सेवाओं में मदद करेंगे।

राज्य सरकार के सभी कार्यालयोें में लागू होगी दिव्यांगजन के लिए समान अवसर नीति 

मंत्रिमण्डल की बैठक में दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 के प्रावधानों के अनुसार प्रदेश में दिव्यांगजन के लिए समान अवसर नीति को मंजूरी प्रदान की गई। यह नीति राज्य सरकार के सभी विभागों, कार्यालयों, स्वायत्त संस्थाओं और राज्य सरकार के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष नियंत्रण में आने वाले सभी संस्थानों में लागू होगी। यह नीति सरकारी कार्यालयों में विशेष योग्यजन के प्रवेश हेतु बाधा मुक्त पहुँच की व्यवस्था सुनिश्चित करेगी। राज्य सरकार के सभी संस्थानों में ऐसी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी जिससे विशेष योग्यजन कार्मिक अपने दायित्वों का प्रभावी ढंग से निर्वहन कर सकें। 

See also  MDSU BCom Time Table 2024-25 B.Com 2nd 4th 6th Semester Date Sheet PDF

इस नीति के अनुसार सरकारी कार्यालयों में भवन, फर्नीचर, साधन-सुविधाओं सहित सभी भौतिक और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को भारत सरकार द्वारा दिव्यांगजनों की सहूलियत के लिए निर्धारित अभिगम्यता मानकों के अनुरूप सुनिश्चित किया जाएगा। विशेष योग्यजन कार्मिकों के भर्ती पश्चात और पदोन्नति पूर्व प्रशिक्षण अन्य कार्मिकों के साथ ही कराने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएंगी। इस नीति के प्रावधानों के अनुसार विशेष योग्यजनों को यथासंभव रोटेशनल ट्रांसफर से मुक्त रखा जाएगा। स्थानांतरण अथवा पदोन्नति पर पदस्थापन स्थान तय करते समय विशेष योग्यजन कार्मिकों एवं ऐसे कार्मिकों, जो गंभीर विकलांगता वाले बच्चों के माता-पिता हैं, उनके द्वारा दिए गए वरीयता विकल्पों को प्राथमिकता दी जाएगी। प्रत्येक कार्यालय में विशेष योग्यजनों की शिकायतों के निस्तारण हेतु ग्रीवांस रिड्रेसल ऑफिसर नामित किया जाएगा। 

ग्रेच्युटी का लाभ अब 1 जनवरी, 2024 से देय

डॉ. प्रेमचन्द बैरवा ने बताया कि राज्य बजट वर्ष 2025-26 की घोषणा को पूरा करते हुए अब राज्य सरकार के कर्मचारियों को केन्द्र सरकार के अनुरूप ही एक जनवरी से बढ़ी हुई ग्रेच्युटी का लाभ देय होगा। इस सम्बन्ध में राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 में संशोधन की पूर्व में जारी अधिसूचना अब दिनांक 01 जनवरी 2024 से प्रभावी मानी जाएगी। मंत्रिमंडल के इस निर्णय से जनवरी 2024 से मार्च 2024 के बीच सेवानिवृत्त हुए राज्य कार्मिक लाभान्वित होंगे और राजकोष पर 24 करोड़ रुपए का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा, उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने पूर्व में ही केन्द्र सरकार के अनुरूप रिटायरमेंट ग्रेच्युटी अथवा डेथ ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख से बढ़ा कर 25 लाख रुपये कर दी है। 

See also  REET Bharti: रीट भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया 1 दिसंबर से होगी शुरू, यहां देखें संपूर्ण जानकारी

आरवीआरईएस में प्राध्यापक अब कहलाएंगे सहायक आचार्य, सह-आचार्य एवं आचार्य

डॉ. बैरवा ने कहा कि राजस्थान स्वेच्छया ग्रामीण शिक्षा सेवा नियम, 2010 (आरवीआरईएस) के अंतर्गत नियुक्त शिक्षकों के पदनाम प्राध्यापक के स्थान पर अब सहायक आचार्य, सह-आचार्य एवं आचार्य होंगे। इस निर्णय से राजस्थान स्वेच्छया ग्रामीण शिक्षा सेवा में शिक्षकों के पदनाम यूजीसी रेग्युलेशन, 2010 एवं समान सेवा राजस्थान शिक्षा सेवा (महाविद्यालय शाखा) के अनुरूप हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में समाप्त हो चुके जनशक्ति एवं गजेटियर्स विभाग से जुड़े राजस्थान जिला गजेटियर्स सेवा नियम, 1980 को विलोपित करने का निर्णय भी आज किया गया।

एचसीएम-रीपा में इलेक्ट्रीशियन एवं असिस्टेंट इलेक्ट्रीशियन का पदनाम परिवर्तन

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान अधीनस्थ सेवा (भर्ती और सेवा की अन्य शर्तें) नियम-2001 में संशोधन कर हरिश्चन्द्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान, जयपुर में स्वीकृत पद इलेक्ट्रीशियन का पदनाम इलेक्ट्रीशियन ग्रेड-1 एवं असिस्टेंट इलेक्ट्रीशियन का पदनाम इलेक्ट्रीशियन ग्रेड-2 करने और इलेक्ट्रीशियन-कम-प्रोजेक्ट ऑपरेटर का पद विलोपित करने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट में मंजूरी दी गई। 

अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन Update

संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के उद्देश्य से सौर ऊर्जा परियोजनाओं को सशर्त भूमि आवंटन की स्वीकृति मंत्रिमंडल द्वारा प्रदान की गई। इसके अन्तर्गत जैसलमेर जिले की पोकरण तहसील के ग्राम नया लूणा कलां में 400 मेगावॉट क्षमता के सोलर प्रोजेक्ट हेतु 77.46 हैक्टेयर भूमि, फलौदी जिले की बाप तहसील के ग्राम नोख में 80 मेगावॉट क्षमता के सोलर पार्क हेतु 158.23 हैक्टेयर भूमि, बीकानेर जिले की छत्तरगढ ़तहसील के ग्राम केलां में 72 मेगावॉट क्षमता के सोलर प्रोजेक्ट हेतु 143.96 हैक्टेयर भूमि, 339 मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट हेतु बीकानेर तहसील के ग्राम कालासर एवं सवाईसर में 181.40 हैक्टेयर और छत्तरगढ़ तहसील के ग्राम केलां में 495.53 हैक्टेयर भूमि सशर्त आवंटित की जाएगी। साथ ही, उदयपुर जिले की भीण्डर तहसील के राजस्व ग्राम खेरोदा में 63.98 हैक्टेयर भूमि 765 के.वी.सब स्टेशन ऋषभदेव की स्थापना के लिए आवंटित की जाएगी। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now