MP Teachers Protest; Waiting List Candidates Struggle Story | Bhopal | MP में 25,000 वेटिंग शिक्षक, सिर्फ 2900 की जॉइनिंग: पिता-बेटे की मौत; मुश्किल हालातों में पास हुईं, पद नहीं बढ़े तो बाल मुंडवाएंगी

  • Hindi News
  • Career
  • MP Teachers Protest; Waiting List Candidates Struggle Story | Bhopal

5 मिनट पहलेलेखक: शिवेंद्र गौरव

  • कॉपी लिंक

मेरी 5 बहनें हैं। शुरू से हमने गरीबी देखी है। 2019 में कोविड की वैक्सीन लगने के 8 दिन बाद पापा खत्म हो गए। मैंने ट्यूशन पढ़ाकर अपनी छोटी बहनों को पढ़ाया और उनकी शादी की, लेकिन मैंने खुद शादी नहीं की। सोचा था नौकरी लग जाए उसके बाद शादी करूंगी। अब 30 से ज्यादा की उम्र हो गई है। आज भी नौकरी के लिए लड़ रही हूं। शिक्षक भर्ती में पद बढ़ाने की मांग के लिए अभ्यर्थी प्रदर्शन करते हैं तो मैं भी जाती हूं।

ये कहानी वर्षा कटारे की है। वह मध्य प्रदेश की उच्च माध्यमिक शिक्षक भर्ती 2023 यानी वर्ग-1 की ‘वेटिंग शिक्षक’ हैं।

वर्षा कटारे 8 नवंबर को भोपाल में हुए वेटिंग शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन में शामिल थीं।

ऐसी ही कहानी ग्वालियर के एक छोटे से गांव की अंजू राजपूत की है। 2018 में उनके 11 साल के बेटे की बीमारी से मौत हो गई थी। इसके चलते पढ़ाई प्रभावित हुई। कुछ नंबरों से सिलेक्शन रह गया। 2023 में दोबारा एग्जाम दिया। प्री निकाला, लेकिन मेन्स में 82 नंबर लाकर भी सिलेक्शन नहीं मिला। अंजू आरोप लगाती हैं कि यह सरकार की गलत नीति है जो पद नहीं बढ़ाए जा रहे।

15 दिन में पद नहीं बढ़ाए तो बाल मुंडवाएंगीं महिला अभ्यर्थी

उच्च माध्यमिक यानी वर्ग-1 शिक्षक भर्ती 2023 के वेटिंग शिक्षकों ने 8 नवंबर को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में प्रदर्शन किया। ये सातवां बड़ा प्रदर्शन था। अभ्यर्थियों की मांग है कि माध्यमिक शिक्षकों के 20 हजार पद बढ़ाए जाएं।

प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने बैरीकेडिंग लगाकर रोका तो अभ्यर्थी सड़क पर ही बैठ गए। थाली बजाईं और पद-वृद्धि की मांग वाले पोस्टर लहराए। शाम 4:30 बजे तक सरकार से कोई प्रतिनिधि मिलने नहीं आया। अभ्यर्थी महिलाओं का कहना है कि अगर 15 दिन में हमारी वेटिंग क्लियर करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया तो प्रदेश भर की महिला अभ्यर्थी भोपाल में आकर बाल मुंडवाएंगीं।

25,000 वेटिंग अभ्यर्थी; सिर्फ 2,902 की जॉइनिंग, अभ्यर्थियों के आरोप

इस पूरे मामले में वेटिंग अभ्यर्थी मध्य प्रदेश शिक्षा विभाग की 5 बड़ी कमियां बता रहे हैं…

  • 2018 में वर्ग-1 के शिक्षकों के 22,000 पदों पर भर्ती आई थी। 5 साल भर्ती का इंतजार करना पड़ा, लेकिन सिर्फ 8,720 पदों के लिए भर्ती आई। इसमें भी 3,000 पद बैकलॉग के थे। 16 विषयों के लिए शिक्षकों के फ्रेश पद 5,052 ही थे। इसमें भी रोस्टर के लगभग 45% पद बैकलॉग के थे।
  • 8,720 पदों में से सिर्फ 2900 अभ्यर्थियों को जॉइनिंग दी गई। किसी परीक्षा में 100 में से अभ्यर्थी 90 से 95 नंबर ही लाएगा। पद कम होने के चलते 90 नंबर लाने वाले अभ्यर्थी भी भर्ती से बाहर हैं।
  • फ्रेश पद कम होने के चलते हर कैटेगरी में सिर्फ 8 पद आ रहे हैं।
  • कई कैटेगरी में टॉप रैंक लाने वाले वले अभ्यर्थी भी कम पदों की वजह से वेटिंग में हैं। उदाहरण के लिए पॉलिटिकल साइंस में टॉप 7 रैंक हैं, लेकिन 4 ही पद होने के कारण टॉप रैंक लाने वाले 3 अभ्यर्थी वेटिंग में हैं।
  • कुल 25,000 से ज्यादा अभ्यर्थी वेटिंग में हैं, वर्ग-1 में 35000 से ज्यादा माध्यमिक शिक्षकों के पद खाली हैं। लगातार शिक्षक रिटायर भी हो रहे हैं। जनजातीय विभाग में 17,500 पद खाली हैं।

चयन परीक्षा के नोटिफिकेशन में हर कैटेगरी में पदों की संख्या बहुत कम है।

अभ्यर्थियों का आरोप मांग से कहीं ज्यादा पद खाली फिर भी नहीं हो रही पद-वृद्धि

वेटिंग शिक्षकों का कहना है कि 2018 से अब तक वर्ग-1 के शिक्षकों के प्रमोशन होने से 10,249 पद खाली हुए हैं। मध्य प्रदेश शासन के 1 दिसंबर 2022 के राजपत्र के मुताबिक, (वर्ग 1) के 34789 पद खाली है,जिनमें से 50% यानी 17,394 पद सीधी भर्ती द्वारा भरे जाने हैं। मध्यप्रदेश सरकार के गेस्ट फैकल्टी पोर्टल के अनुसार वर्तमान में कुल स्वीकृत 36, 837 पदों में से 21,451 पद खाली बताए गए हैं।

फिर भी बेहद कम पदों पर भर्तियां निकाली गईं। एक अभ्यर्थी ने कहा, अगर असल में 8,720 फ्रेश पद होते तो बहुत से कैंडिडेट का सिलेक्शन हो जाता और वेटिंग कैंडिडेट सड़कों पर आने पर मजबूर नहीं होते।

अभ्यर्थियों का ये भी कहना है कि 2018 में एक एग्जाम देकर ही नियुक्तियां कर ली गई थीं। जब 5 साल के इंतजार के बाद 2023 में भर्तियां आईं तो दो एग्जाम देने पड़े। अंजू कहती हैं कि मेरे पति का फैक्ट्री में हाथ कट गया था। बेटा भी चला गया। गरीबी के चलते एक कमरे के घर में रहते हुए रात-दिन पढ़ाई की, इस उम्मीद में कि नौकरी मिल गई तो हालात सुधर जाएंगे, लेकिन चयन की दूसरी परीक्षा में 100 में से 82 मार्क्स लाने के बाद भी नौकरी की कतार में लगे हैं।

अंजू का बेटा 11 साल का था, तब उसकी मौत हो गई। फैक्ट्री में पति का हाथ कट गया, अंजू कहती हैं कि ये नौकरी उन्हें तकलीफों से उबरने में मदद कर सकती थी।

अब तक 8 बार प्रदर्शन, मोदी को पत्र भेजा, मुख्यमंत्री-शिक्षा मंत्री से गुहार लगाई

वेटिंग शिक्षक संघ के अध्यक्ष मनोज डंडोतिया कहते हैं,

स्कूली शिक्षा में मध्य प्रदेश का देश में 20वां स्थान है। शिक्षकों की कमी में देश में मध्य प्रदेश तीसरा सबसे फिसड्डी राज्य है। शिक्षकों की कमी और प्रशिक्षण न मिलने से 12वीं के बोर्ड एग्जाम में लाखों बच्चे फेल हो रहे हैं। इसलिए पद-वृद्धि और प्रशिक्षण की मांग की जा रही है। हमारी कोई भी मांग नाजायज नहीं है, लेकिन इस पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।

अभ्यर्थी, अब तक मुख्यमंत्री मोहन यादव, प्रदेश के शिक्षा मंत्री, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और विधायकों सहित बीजेपी के 35 बड़े नेताओं को ज्ञापन दे चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखे जा चुके हैं।

मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री गोविंद राजपूत ने इस मामले में अभ्यर्थियों की मांग का समर्थन करते हुए शिक्षा मंत्री से ‘सहानुभूति पूर्वक विचार’ करने को कहा है। केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उइके, कांग्रेस के सांसद और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह सहित सहित कई दिग्गज नेताओं ने पद बढ़ाने की मांग का समर्थन करते हुए सीएम मोहन यादव को पत्र लिखे हैं। इस सबसे बावजूद अब तक वर्ग-1 शिक्षकों के पद बढ़ाने को लेकर शासन की तरफ से कोई निर्णय नहीं आया है।

एजुकेशन से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए…

यूपी PCS और RO/ARO पर छात्र आंदोलन जारी: नॉर्मलाइजेशन के जरिए धांधली जैसे 5 आरोप; आयोग परसेंटाइल मेथड पर विचार करने को तैयार

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के खिलाफ उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में छात्रों का आंदोलन तीसरे दिन भी जारी है। अभ्यर्थी समीक्षा अधिकारी (RO), सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) और प्रांतीय सिविल सेवा (PCS) के एस्पिरेंट्स एक से ज्यादा शिफ्ट में एग्जाम करवाने और परसेंटाइल मेथड के जरिए नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया के खिलाफ हैं। पूरी खबर पढ़िए…

खबरें और भी हैं…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now