जन आधार कार्ड धारक पशुपालक होंगे पात्र। निःशुल्क होगा पशु बीमा, सरकार भरेगी प्रीमियम राशि
अब पशुपालकों को अपने पशुओं के बीमा की प्रीमियम राशि चुकाने की टेंशन नहीं रहेगी। सभी श्रेणी के पशुपालकों के पशुओं के बीमा प्रीमियम की पूरी राशि सरकार भरेगी। यह सुविधा मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना से संभव होगी। योजना के तहत ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है। पात्र पशुपालक ई-मित्र केंद्र पर जाकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। ऑनलाइन पंजीकरण 12 जनवरी तक होंगे।
योजनांतर्गत प्रदेश में पहले 5-5 लाख दुधारू गाय व भैंस, 5-5 लाख भेड़ व बकरी तथा 1 लाख उष्ट्र वंशीय पशुओं का बीमा किया जाएगा। योजना के तहत लाभ लेने के लिए सभी जनाधार कार्ड धारक पशुपालक पात्र होंगे। पशुपालकों को बीमा विभाग के एप या सॉफ्टवेयर पर आवेदन करना होगा।
पशुओं की उम्र निर्धारित टैगिंग होना जरूरी
पशुओं के बीमा के लिए निर्धारित उम्र अनुसार गाय की उम्र 3 से 12 वर्ष व भैंस की 4 से 12 वर्ष होनी चाहिए। इसी प्रकार बकरी व भेड़ की उम्र 1 से 6 वर्ष व ऊंट की उम्र 2 से 15 वर्ष होनी चाहिए। योजना का क्रियान्वयन ट्रस्ट मोड पर राज्य बीमा एवं प्रावधायी निधि विभाग द्वारा किया जाएगा।
पशुपालन विभाग नोडल विभाग होगा। वहीं बीमा के लिए पशुओं की टैगिंग अनिवार्य है। चयनित पशुपालक के अधिकतम दो दुधारू पशु (गाय, भैंस अथवा दोनों) तथा 10 बकरी या 10 भेड़ या एक उष्ट्र वंश पशु का निःशुल्क बीमा किया जाएगा। यह बीमा उन्हीं पशुओं का होगा जो किसी अन्य योजना के तहत बीमित नहीं है।
इस तरह मिलेगा बीमा क्लेम
सड़क दुर्घटना, आकाशीय बिजली गिरने, प्राकृतिक आपदा, जहरीला घास खाने या सांप व कीड़ा काटने, किसी बीमारी आदि में मृत्यु होने पर बीमा क्लेम मिलेगा। 21 दिवस के ग्रेस पीरियड के बाद ही पशु की मृत्यु होने की स्थिति में क्लेम का भुगतान होगा। इसके अलावा बीमा के लिए लॉटरी द्वारा पशुपालकों का चयन किया जाएगा।
गोपाल क्रेडिट कार्ड धारक व लखपति दीदी पशुपालकों को चयन में प्राथमिकता दी जाएगी। अनुसूचित जाति व जनजाति के लिए क्रमशः 16 व 12 प्रतिशत आरक्षण का भी प्रावधान किया गया है।
पशु को बेचा तो समाप्त होगी बीमा पॉलिसी
यह बीमा एक वर्ष के लिए किया जाएगा व पशुपालक को इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा। बीमा राशि का निर्धारण पशु की नस्ल, उम्र व दुग्ध उत्पादन क्षमता के आधार किया जाएगा, लेकिन किसी भी स्थिति में बीमा की अधिकतम राशि 40 हजार रुपए से अधिक नहीं होगी।
पशुपालक द्वारा पशु की बिक्री या उपहार में दिए जाने की स्थिति में बीमा पॉलिसी समाप्त मानी जाएगी। बीमित पशु की मृत्यु होने पर पशुपालक द्वारा शीघ्र ही इसकी सूचना बीमा विभाग को देनी होगी।
सभी श्रेणी के पशुपालकों के पशुओं 1 के बीमा प्रीमियम की पूरी राशि सरकार भरेगी। मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना के तहत ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गई है। पात्र पशुपालक ई-मित्र केंद्र पर जाकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।