उतरप्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा: गौवंश पालन पर ₹10 लाख तक का लोन

राम राम किसान साथियों जैसा की आप सभी को मालूम है कि भारत सरकार और राज्य सरकार किसान और पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए अनेक प्रकार की योजनाएँ लाती रहती है। हाल ही में योजनाओं की इसी कड़ी में उत्तरप्रदेश की सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों और पशुपालकों के लिए एक नई योजना अमृत धारा योजना (Amrit Dhara Yojaana) की शुरुआत की है। जिसके अंतर्गत किसानों और पशुपालकों को गौवंश के पालन पर ₹10 लाख रूपये का लोन दिया जाएगा। प्राकृतिक खेती की सबसे खस बात ये है कि इसके द्धारा जो कुछ भी परिवर्तन और सुधर होगा वह बिलकुल स्थायी ठोस और टीआऊ प्रवृति का होगा।

अमृत धारा योजना (Amrit Dhara Yojaana) का उद्देश्य-

किसान साथियों हाल ही में उत्तरप्रदेश की सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों और पशुपालकों के लिए एक नई योजना अमृत धारा योजना (Amrit Dhara Yojaana) की शुरुआत की है। जिसके अंतर्गत किसानों और पशुपालकों को गौवंश के पालन पर ₹10 लाख रूपये का लोन दिया जाएगा। इसके साथ ही सरकार का ये उद्देश्य है की गौवंश को संरक्षण प्रदान किया जा सके। इसके लिए सरकार किसानों और पशुपालकों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। और सरकार की और से छुट्टा गौवंश के संरक्षण के लिए लगभग 2000 करोड़ रूपये की घोषणा की गयी है।

अमृत धारा योजना (Amrit Dhara Yojaana) में लोन-

किसान साथियों हाल ही में उत्तरप्रदेश की सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किसानों और पशुपालकों के लिए एक नई योजना अमृत धारा योजना (Amrit Dhara Yojaana) की शुरुआत की है। जिसके अंतर्गत किसानों और पशुपालकों को गौवंश के पालन पर ₹10 लाख रूपये का लोन दिया जाएगा। इस लोन के लिए किसान या पशुपालक को 2 गाय से लेकर के 10 गाय पालने पर उत्तरप्रदेश सरकार की और से लगभग 10 बैंको के द्धारा किसान या पशुपालक को लगभग 10 लाख रूपये तक का लोन बिलकुल ही आसान शर्तों पर प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा किसान या पशुपालक को 3 लाख रूपये तक के लोन के लिए किसी भी प्रकार के गारंटी देने की आवश्यकता नहीं होंगी।

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प्राकृतिक खेती के लिए गौवंश क्यों-

किसान साथियों जैसा की आप सभी को मालूम है की रासायनिक उर्वरको और कीटनाशकों के बढ़ते हुए उपयोग से जल, जमीन से लेकर के पर्यावरण तक सब कुछ प्रदूषित होता जा रहा है। इससे बचाव करने के लिए उत्तरप्रदेश सरकार के द्धारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की योजना की शुरुआत की है। आप सभी जानते है की प्राकृतिक खेती जिसमें की रसायनिक उर्वरको और कीटनाशकों का इस्तेमाल से आजाद हो। इस प्रकार की खेती को केवल गौवंश के आधार पर ही कामयाब बनाया जा सकता है।

क्योकि की गोवंश के गोबर और मूत्र को प्रसंस्करणित खाद और कीटनाशकों के रूप में उपयोग में लिया जा सकता है। इस प्रकार किसानों और पशुपालकों को दुगुना लाभ प्राप्त होगा। इसमें किसानों और पशुपालकों को अपने और अपने परिवार के अच्छे स्वास्थ्य की दृस्टि से दूध मिलेगा और खेतों के लिए गोवंश के गोबर और मूत्र से खाद और कीटनाशक की प्राप्ति हो जाएगी। प्राकृतिक खेती की सबसे खस बात ये है कि इसके द्धारा जो कुछ भी परिवर्तन और सुधर होगा वह बिलकुल स्थायी ठोस और टीआऊ प्रवृति का होगा।

प्राकृतिक खेती का हब उत्तरप्रदेश

किसान साथियों जैसा की आप सभी को मालूम है की उत्तरप्रदेश प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए गौवंश के पालन के माध्यम से किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है। और इसके लिए उत्तरप्रदेश सरकार ने किसानों और पशुपालकों के लिए एक नई योजना अमृत धारा योजना (Amrit Dhara Yojaana) की शुरुआत की है। जिसके अंतर्गत किसानों और पशुपालकों को गौवंश के पालन पर ₹10 लाख रूपये का लोन दिया जाएगा। इसके साथ ही सरकार का ये उद्देश्य है की गौवंश को संरक्षण प्रदान किया जा सके। इसके लिए सरकार किसानों और पशुपालकों को लगातार प्रोत्साहित कर रही है। और सरकार की और से छुट्टा गौवंश के संरक्षण के लिए लगभग 2000 करोड़ रूपये की घोषणा की गयी है।

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किसान साथियों उत्तरप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ उत्तरप्रदेश को एक प्राकृतिक खेती का हब बनाने के उद्देश्य से हर एक मुमकिन कोशिश कर रहे है। योगी आदित्यनाथ का उत्तरप्रदेश को प्राकृतिक खेती का हब बनाने के लिए किसानों को भारतीय कृषि की इस परंपरागत और कामयाब पद्द्ति को आज की तकनीक के साथ में जोड़ कर के किसानों को समृद्ध बनाना चाहते है। इस तकनीक को कामयाब करने के लिए उत्तरप्रदेश की सरकार की और से किसानों और पशुपालकों को बहुत प्रकार की सुविधाएँ प्रदान कर रही है। इस योजना को प्रगतिशील बनाने के लिए सरकार का गंगा नदी के तटवर्ती इलाको और बुंदेलखंड में प्राकृतिक खेती पर सरकार का महत्वपूर्ण ध्यान है। हाल ही में इस योजना के अंतर्गत स्थानीय नदियों को सम्मिलित कर लिया गया है।

प्राकृतिक खेती से देश में उत्तरप्रदेश की भूमिका-

किसान साथियों जैसा की आप सभी जानते है की वर्ष 2020 में पुरे विश्व में आयी एक वैश्विक महामारी कोरोन के बाद सभी लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर के काफी अधिक जागरूक रहने लग गए है। और देश में प्रत्येक जगहों पर आज ऑर्गेनिक और स्थानीय उत्पादों की मांग में बहुत अधिक वृद्धि देखि जा रही है। और स्की मांग में बढ़ोतरी होने से इनके भाव भी बहुत अधिक अच्छे मिल रहे है। वैश्विक महामारी के बाद खाने के तरीको में लगभग पुरे विश्व में बदलाव देखा गया है। और जिसके चलते ऑर्गेनिक और स्थानीय उत्पादों की मांग अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ने की संभावना नजर आ रही है। इसके साथ ही भारत की केंद्र सरकार भी ऑर्गेनिक उत्पादों के निर्यात पर अपना पूरा जोर दे रही है। इसके चलते उत्तरप्रदेश के किसानों और पशुपालकों के लिए यह एक सुनहरा अवसर साबित हो सकता है।

लगभग गत 7 सालों में निर्यात बढ़कर लगभग दोगुना हो चूका है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 में उत्तरप्रदेश राज्य का निर्यात लगभग 88 हजार करोड़ रूपये का था। जो की वर्ष 2023-24 में के साथ लगभग 170 हजार करोड़ रूपये तक पहुंच गया है। कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ने से किसानों के चेहरे पर खुशी की झलक साफ देखने को मिल रही है। प्राकृतिक खेती की सबसे खस बात ये है कि इसके द्धारा जो कुछ भी परिवर्तन और सुधर होगा वह बिलकुल स्थायी ठोस और टीआऊ प्रवृति का होगा।

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गौवंश को संरक्षण हेतु मिनी नंदिनी योजना-

किसान साथियों जैसा की आप सभी जानते है की उत्तरप्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ गौवंश के प्रति बहुत अधिक समर्पित भाव दर्शाते है। और ये बात पुरे विश्वभर में सभी को मालूम है। और जब से वे मुख्यमंत्री बने है गोवंश के संरक्षण पर जो दे रहे है। इसके लिए उन्होंने निराश्रित गौवंश के लिए गोआश्रय भी खोले है। और इसके अलावा प्रति पशु के भरण-पोषण के अनुसार राशि भी प्रदान की है। अनुपूरक बजट में योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए लगभग 1001 करोड़ रूपये की घोषणा भी की थी।

उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उद्देश्य गोआश्रयो को आत्मनिर्भर बनाने का है। और ऐसा केवल तभी संभव हो सकता है जब गौवंश के मूत्र और गोबर को आर्थिक दृस्टि से उपयोग के अनुकूल बनाया जाए। और इस कार्य को सफल बनाने के लिए योगी सरकार समय-समय पर अनेक प्रकार के स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम भी आयोजित करवाती है। इसके साथ ही सरकार की और से मनरेगा के द्धारा कम दाम में पशु शेड, पशु बाड़ा और गोबर गैस संयंत्र लगाने की मदद भी दे रही है। योगी सरकार ने गौवंश के संरक्षण के लिए मिनी नंदिनी योजना की शुरुआत की है। जिसके अंतर्गत उत्तरप्रदेश की योगी सरकार की और से कई प्रकार की सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है।

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