क्या सरकार के नए फैसले से गेंहू की कीमतें कम होंगी? जानिए ताजा अपडेट

राम राम किसान साथियों जैसा की आप सभी को मालूम है कि खरीफ की फसलों के पकाव के दिन धीरे-धीरे नजदीक आ रहे है। और केंद्र सरकार किसानों के हित को मध्यनजर रखते हुए केंद्र सरकार ने किसानों तोहफे के रूप में गेंहू की खेती करने वाले किसानो को बड़ी राहत देते हुए गेंहू की फसल की खरीद नये न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने के की घोषणा कर दी है। हाल ही केंद्र सरकार ने रबी के विपणन वर्ष 2025-26 के लिए गेंहू के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 150 रूपये की वृद्धि करते हुए 2275 रूपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर के 2425 रूपये प्रति क्विंटल कर दिया है। लेकिन बाजार में गेंहू के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से बहुत अधिक चल रहे है। जिसके चलते सरकार को गेंहू की पर्याप्त मात्रा नहीं मिल पा रही है। इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार ने ओपन मार्किट सेल स्किम (OMSS) के अंतर्गत गेंहू को बेचने का निर्णय लिया है।

गेंहू की कीमत को स्थिर करने हेतु सरकार का क्या फैसला है-

किसान साथियों पिछले काफी समय से बाजार में गेंहू के बढ़ते हुए भाव किसानो और व्यापरियों के लिए चर्चा तथा सरकार के लिए चिंता के विषय बने हुए है। जिसका प्रमुख कारण है किसानो को गेंहू के भाव सरकार द्धारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक भाव स्थानीय बाजार में मिलना। पिछले कुछ समय से गेंहू के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से कहीं ज्यादा (लगभग 3000 रूपये प्रति क्विंटल) चल रहे है। जिसके कारण किसान अपनी फसल को सरकार को ना बेचकर सीधे ही बाजार में व्यापारियों को बेच रहे है।

किसान साथियों गेंहू के इस बढ़ते हुए भावों की स्थिति को नियंत्रण में लाने और बाजार में गेंहू की पर्याप्त आपूर्ति करने के लिए हाल ही में सरकार ने ओपन मार्किट सेल स्किम (OMSS) के अंतर्गत गेंहू को बेचने का निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले के बाद भी देश के कुछ राज्यों जैसे- उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश तथा राजस्थान में अब भी गेंहू के भाव सरकार द्धारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक बने हुए है।

सरकार कैसे करेगी गेंहू की बढ़ती कीमतों का नियंत्रण-

किसान साथियों गेंहू के इस बढ़ते हुए भावों की स्थिति को नियंत्रण में लाने और बाजार में गेंहू की पर्याप्त आपूर्ति करने के लिए हाल ही में सरकार ने ओपन मार्किट सेल स्किम (OMSS) के अंतर्गत गेंहू को बेचने का निर्णय लिया है। इस फैसले के अंतर्गत केंद्र सरकार ने गेंहू की होने वाली साप्ताहिक नीलामी में गेंहू की बेचान की सीमा को 1.5 लाख टन से बढ़ाकर के 5 लाख टन कर दी है। सरकार के द्धारा यह निर्णय बाजार में बढ़ रही गेंहू के भावों को कम करने तथा गेंहू की आपूर्ति की मात्रा को बढ़ाने के लिए लिया गया है। आज की स्थिति में राष्ट्रीय स्तर की अगर बात करें तो गेंहू के औसत थोक भाव लगभग 2968 रूपये चल रहा है। जो की भारत सरकार द्धारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य जो की 2425 रूपये प्रति क्विंटल है, से लगभग 543 रूपये प्रति क्विंटल ज्यादा है।

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क्या सरकार फैसला उपयोगी साबित होगा-

किसान साथियों गेंहू के इस बढ़ते हुए भावों की स्थिति को नियंत्रण में लाने और बाजार में गेंहू की पर्याप्त आपूर्ति करने के लिए हाल ही में सरकार ने ओपन मार्किट सेल स्किम (OMSS) के अंतर्गत गेंहू को बेचने का निर्णय लिया है। सरकार के इस फैसले के बाद भी देश के कुछ राज्यों जैसे- उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश तथा राजस्थान में अब भी गेंहू के भाव सरकार द्धारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक बने हुए है। सरकार के इस फैसले के बाद कुछ राज्यों में गेंहू की कीमतों में हुए परिवर्तन निम्नलिखित प्रकार से है –

क्रम संख्या राज्य का नाम सरकार के फैसले से पहले गेंहू की कीमतें (प्रति क्विंटल) सरकार के फैसले से बाद
गेंहू की कीमतें (प्रति क्विंटल)
1 राजस्थान 2840 रूपये 2712 रूपये
2 उत्तरप्रदेश 2731 रूपये 2714 रूपये
3 मध्यप्रदेश 2849 रूपये 2840 रूपये

किसान साथियों सरकार के द्धारा लिए गए ओपन मार्किट सेल स्किम (OMSS) के फैसले के बाद गेंहू की कीमतों में बहुत ही कम यानि की ना के बराबर कमी देखी जा सकती है। परन्तु फिर भी आज की स्थिति में राष्ट्रीय स्तर की अगर बात करें तो गेंहू के औसत थोक भाव लगभग 2968 रूपये चल रहा है। जो की भारत सरकार द्धारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य जो की 2425 रूपये प्रति क्विंटल है, से लगभग 543 रूपये प्रति क्विंटल ज्यादा है।

सरकार कैसे करेंगी चुनौती का सामना-

किसान साथियों जैसा की आप सभी जानते है कि रबी विपणन वर्ष 2025-26 में गेंहू की सरकारी खरीद के लिए राजस्थान सरकार के द्धारा 10 मार्च 2025 से 30 जून 2025 तक का समय निर्धारित किया गया है। लेकिन सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये है की यदि बाजार में गेंहू की कीमतें भारत सरकार द्धारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य जो की 2425 रूपये प्रति क्विंटल है, से अधिक बनी रहती है तो किसान सरकार को फसल बेचेंगे। इस मामले पर विशेषज्ञों के अनुसार सरकार को इस वर्ष निर्धारित किए गए गेंहू के खरीद के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए गेंहू की कीमतों को बाजार में भारत सरकार द्धारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य जो की 2425 रूपये प्रति क्विंटल के नजदीक लानी होगी।

किसान साथियों हाल ही में देश के राज्य पंजाब और हरियाणा में मंडी शुल्क ज्यादा होने के कारण व्यापारी लगभग गेंहू की खरीद उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश से कर रहे है। जिसके कारण इन राज्यों में सरकार को गेंहू मिलने में कुछ मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसके कारण वहाँ पर गेंहू की सरकारी खरीद के प्रभावित होने के आसार नजर आ रहे है। क्योकि किसानों को मंडियों में गेंहू का भाव भारत सरकार द्धारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य जो की 2425 रूपये प्रति क्विंटल से अधिक मिल रहा है। जिसके कारन वे सरकार को गेंहू का बेचान करने में बिलकुल भी रूचि नहीं दिखाएगे।

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किसान साथियों इस साल भारत सरकार के द्धारा गेंहू की सरकारी खरीद करने के लिए लगभग 3 करोड़ टन का लक्ष्य लिया गया है। और यदि इस विपणन वर्ष में सरकार को 250 लाख टन से कम गेंहू की प्राप्ति होती है तो भारत सरकार गेंहू के बफर स्टॉक को बनाए रखने के लिए एक आपातकालीन योजना की व्यवस्था करनी पड़ेगी।

क्यों बढ़ी है गेंहू की कीमतें-

किसान साथियों गेंहू की कीमतों के बढ़ने का सबसे मुख्य कारन है की गेंहू के भंडारण में कमी होने के कारण बाजार में गेंहू की आपूर्ति की मात्रा घट गयी है। और गेंहू की मांग अभी भी ज्यादा बनी हुई है। गेंहू की कीमतों ककी इस स्थिति आटा मिलें सरकार के द्धारा जारी एक साप्ताहिक टेंडरपर निर्भर है। हाल ही में सरकार के द्धारा जारी किये गए साप्ताहिक टेंडर के बाद दिल्ली मंडी में गेंहू की कीमत में 25 रूपये प्रति क्विंटल की गिरावट देखने को मिली। इस गिरावट के बाद दिल्ली मंडी में गेंहू की कीमत 3225 रूपये प्रति क्विंटल दर्ज की गयी।

किसान साथियों हाल ही में देश में चल रहे महाकुम्भ के कारण आटा, चावल तथा मेदा की मांग अत्यधिक बड़ी हुयी है ,जिसके कारण गेंहु की कीमतों में लगभग 50 रूपये प्रति क्विंटल की तेजी देखने को मिली। और इस तेजी के बाद गेंहू की कीमत 3275 रूपये प्रति क्विंटल दर्ज की गयी है। बाजार में गेंहू की मांग अधिक होने तथा गेंहू की आपूर्ति मांग के अनुसार नहीं होने पर गेंहू की कीमते लगतार बढ़ती ही जा रही है। किसान साथियों व्यापरियों के अनुसार महाकुम्भ के समाप्त होने के बाद आटा, चावल तथा मेदा की मांग में कमी होने के बाद ही गेंहू की कीमते नीचे आ है।

गेंहू की कीमतों को स्थिर करने हेतु FCI की नई नीति-

किसान साथियों देश में गेंहू के भंडारण में कमी होने के कारण बाजार में गेंहू की आपूर्ति की मात्रा घट गयी है। और गेंहू की मांग अभी भी ज्यादा बनी हुई है। जिसके कारण हाल ही में भारत सरकार ने भारतीय खाद्य निगम को मिलर्स, प्रोसेसिंग यूनिट्स और ट्रेडर्स के लिए होने वाली साप्ताहिक ई-नीलामी में गेंहू की बेचान की सीमा को 5 लाख टन तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान कर दी है। जिसके कारण ओपन मार्किट में गेंहू की आपूर्ति बढ़ सकेगी और गेंहू की कीमतों कंट्रोल किया जा सकेगा।

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किसान साथियों सरकार ने इस वर्ष लगभग 25 लाख टन गेंहू के बेचान का लक्ष्य रखा था। जो की दिसंबर 2024 से लेकर के अब तक 13 लाख तक गेंहू का बेचान किया जा चूका है। सरकार के द्धारा यह फैसला देश के उन राज्यों (उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश तथा राजस्थान) में जहाँ गेंहू की कीमतें भारत सरकार द्धारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य जो की 2425 रूपये प्रति क्विंटल है, से अधिक बनी हुयी है।

इस साल गेंहू की बुवाई का आंकड़ा-

किसान साथियों इस वर्ष रबी की फसल के सीजन में गेंहू की फसल ने एक नया इतिहास बना दिया है। भारत के कृषि मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार इस वर्ष देश में लगभग 325 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में गेंहू की बुवाई की गयी है। जो की गत वर्ष के रबी के सीजन से लगभग 6.60 लाख हैक्टेयर ज्यादा है। इस वर्ष भारत देश में गेंहू की फसल की बुवाई की मात्रा बहुत अधिक है। जिससे की गेंहू के उत्पादन में भी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। किसान साथियों सामान्य दृष्टि से गेंहू की बुवाई का क्षेत्र लगभग 313 लाख हैक्टेयर ही है। और इन आंकड़ों के अनुसार इस साल गेंहू की बुवाई का क्षेत्र बहुत ही अधिक अनुकूल माना जा रहा हैं। और गेंहू की बुवाई का यह आंकड़ा एक अनुमानित आंकड़ा है। इस वर्ष रबी की फसल का कुल बुवाई का आंकड़ा लगभग 661 लाख हैक्टेयर है जो की गत वर्ष में लगभग 651.39 लाख हैक्टेयर ही था।

इस साल गेंहू के उत्पादन का आंकड़ा-

किसान साथियों भारत देश के कृषि मंत्रालय के अनुसार गत वर्ष यानी की वर्ष 2023-24 में गेंहू की फसल की बुवाई का अंतिम आंकड़ा लगभग 342 लाख हैक्टेयर रहा था। जिससे लगभग 1133 लाख मीट्रिक टन गेंहू का उत्पादन प्राप्त किया गया था। और कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इस वर्ष यानी की 2024-25 का गेंहू की बुवाई का अंतिम आंकड़ा आने पर पिछले वर्ष का रिकॉर्ड टूट सकता है। और हाल ही में भारत देश में गेंहू का औसत दाम लगभग 2950 रूपये चल रहा है जो की 2024-25 विपणन के लिए तय किये गए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से लगभग 525 रूपये ज्यादा है।

किसान भाइयों गेंहू के सीजन की शुरआत के साथ ही गेंहू के भाव अब तक के सबसे उच्च स्तर तक पहुंच चुके है। भारत के गेंहू उत्पादन की दृष्टि से सबसे बड़े राज्य में गेंहू की कीमते 2900 रूपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी है। और मध्यप्रदेश के इंदौर में गेंहू की कीमत 3200 रूपये प्रति कविण्टल तक पहुंच चुकी है। और इस बढ़ते हुए भाव के अनुसार आज क्यास लगाए जा सकते है की आने वाले समय में गेंहू की कीमतों में और अधिक वृद्धि होने की सम्भावना है।

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