राजस्थान रोडवेज नई बसों की खरीद और नए रूटों पर बसों के संचालन के बीच अब 1200 नए ड्राइवर शामिल करने जा रही है। हालांकि, प्रदेशभर में ये सभी अनुबंध पर रखे जाएंगे। इनमें से 21 उदयपुर को मिलेंगे। सबसे ज्यादा 54 ड्राइवर कोटा को दिए जाएंगे, जबकि सबसे कम तिजारा डिपो के लिए होंगे।
प्रदेश में यूं तो रोडवेज में चालकों के 7 हजार पद हैं, लेकिन लगभग आधे खाली हैं और महज 3700 पर ही नियुक्ति हैं। इनमें भी 2700 ड्राइवर खुद निगम के हैं, जबकि एक हजार अनुबंध पर हैं। नए ड्राइवरों के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें शामिल होने की आखिरी तारीख 21 फरवरी है।
ड्राइवरों को एक साल के लिए अनुबंध पर रखा जाएगा। हालांकि, टेंडर की शर्तों के अनुसार अनुबंध का समय 6 माह तक बढ़ाया जा सकेगा। प्रदेश में रोडवेज के बेड़े में 3708 बसें हैं। इनमें हर रोज 7.31 लाख यात्री रोजाना यात्रा करते हैं। उदयपुर में 80 बसें हैं।
डिपो से रोज 14 हजार यात्री आते-जाते हैं। इससे करीब 34 लाख रुपए का राजस्व रोज मिलता है। बता दें कि रोडवेज ने हाल ही 12 लग्जरी बसें खरीदने, 20 को अनुबंध पर लेने का फैसला किया है। इसके अलावा प्रदेश के ग्रामीण रूटों पर भी 365 बसें चलाने का निर्णय किया है।
चालकों को दे सकेंगे आराम, लंबी दूरी की बसों में भी आसानी
प्रदेशभर में रोडवेज के 54 डिपो हैं। इनमें से ये नए ड्राइवर 46 डिपो में नियुक्त होंगे। प्रदेश से अन्य राज्यों के लिए लंबी दूरी पर चलने वाली बसों के लिए दो ड्राइवरों की जरूरत होती है।
अभी ड्राइवर कम होने से बसों के संचालन में दिक्कत आती है। अब काफी हद तक राहत मिलेगी। इसके अलावा ड्राइवरों की कमी के कारण अन्य चालकों को छुट्टी देने की समस्या भी थी। अब यह भी कम होगी।
टेंडर के जरिये सरकार से मान्यता प्राप्त संस्था और सेवानिवृत्त सैनिकों की सहकारी समिति से ड्राइवरों को अनुबंध पर लिया जाएगा। संभाग के बांसवाड़ा को 25, चित्तौड़गढ़ 14, डूंगरपुर 37, राजसमंद 19 व प्रतापगढ़ को 22 ड्राइवर मिलेंगे।