Right To Education: निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार में बड़ा बदलाव , विद्यार्थी 5वीं और 8वीं में भी फेल होंगे

भारत भर में पांचवी और आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा बड़े बदलाव किए गए हैं इन नए नियमों के अनुसार वार्षिक परीक्षा में कोई छात्र फेल होता है तो टीचर उसे फेल कर सकते हैं इसके बाद विद्यार्थियों को दो महीने के भीतर वापस से एग्जाम देने का मौका दिया जाएगा जबकि पहले नियमों में आठवीं तक के किसी भी विद्यार्थी को फेल करने का प्रावधान नहीं था।

Right To Education

शिक्षा मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर पांचवी और आठवीं कक्षा की परीक्षाओं को लेकर नियमों में बदलाव किया है अब पांचवी और आठवीं कक्षा की परीक्षाओं में भी विद्यार्थियों को फेल किया जा सकता है पांचवी और आठवीं कक्षा की नियमित परीक्षाओं में अगर कोई विद्यार्थी असफल रहता है तो उसे 2 महीने में फिर से परीक्षा देने का मौका प्राप्त होगा।

नियमित परीक्षा के अंदर सभी विद्यार्थियों को पढ़ाई के दौरान यह ध्यान में रखना होगा कि अब उन्हें मेहनत करना जरूरी होगा यदि कोई विद्यार्थी असफल हो जाता है तो उसे दो महीने में फिर से परीक्षा देने का एक मौका मिलेगा यदि इसके बाद भी विद्यार्थी फेल होता है तो उसे अगली कक्षा में नहीं बैठाया जाएगा।

यदि विद्यार्थी के रिजल्ट में कमजोर स्थिति होती है तो उसको उसी कक्षा में कुछ समय के लिए होल्ड कर लिया जाता था और दोबारा एग्जाम लेकर उसे अगली कक्षा में भेज दिया जाता था लेकिन होल्ड करने के लिए भी छात्र के माता-पिता की सहमति अनिवार्य होती थी लेकिन अब नए नियमों को लेकर भारत सरकार की तरफ से गजट नोटिफिकेशन जारी किया है इसके अनुसार यह नियम बीती 16 दिसंबर से पूरे देश में लागू हो गए हैं।

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नई नोटिफिकेशन के अनुसार यदि विद्यार्थी वापस परीक्षा में असफल हो जाता है तो उस विद्यार्थी को उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा इस दौरान छात्र को सुधारने के लिए शिक्षकों की ओर से विशेष मार्गदर्शन दिया जाएगा अध्यापक न केवल विद्यार्थी के प्रदर्शन पर ध्यान देंगे बल्कि उनके पेरेंट्स को भी आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे।

इस नए नियम के लागू होने से विद्यार्थियों को रटने और प्रक्रियात्मक कौशल पर आधारित सवालों के बजाय उनके समग्र विकास और व्यवहारिक ज्ञान को परखा जाएगा जिससे सुनिश्चित किया जाएगा कि विद्यार्थियों को प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने तक किसी भी परिस्थिति में स्कूल से बाहर नहीं किया जाए।

नए नियमों का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के अंदर गुणवत्ता को बढ़ाना होगा पांचवी और आठवीं कक्षा में रोकने का प्रावधान लागू कर शिक्षा मंत्री ने विद्यार्थियों की शिक्षा के प्रति गंभीरता को बढ़ाने का प्रयास किया है और यह कदम छात्रों की बुनियादी समझ एवं कौशल को मजबूत करेगा।

Right To Education Check

हर साल पांचवी और आठवीं कक्षा में नियमित परीक्षा आयोजित की जाएगी फेल होने वाले छात्रों को दो महीने के अंदर दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा लेकिन दोबारा फेल होने वाले विद्यार्थियों को उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा इन रोके गए विद्यार्थियों को विशेष मार्गदर्शन और सहायता प्रदान की जाएगी इस बदलाव से न केवल छात्रों का शैक्षणिक स्थल सुधरेगा बल्कि उनकी शिक्षा को और अधिक व्यवस्थित और सशक्त बनाने में सहायता मिलेगी यह कदम शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा देने की कोशिश है।

5वीं और 8वीं के अंदर निशुल्क शिक्षा अधिकारी में बदलाव का नोटिस यहां से डाउनलोड करें

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