राम राम किसान साथियों जैसा की आप सभी को मालूम है कि कि खरीफ की फसलों के पकाव के दिन धीरे-धीरे नजदीक आ रहे है। और केंद्र सरकार किसानों के हित को मध्यनजर रखते हुए समय समय पर अनेक प्रकार की योजनाएँ लाती रहती है। हाल ही में केंद्र सरकार ने रबी की फसल में किसानों को एक बहुत ही अच्छा तोहफा दिया है। इसके साथ ही आप कुछ टिप्स को अपना करके गेंहू की फसल (Wheat Crop) के उत्पादन को बढ़ा सकते है।
किसान साथियों हमारे देश के राज्य मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में लगभग 2 लाख 19 हजार हेक्टेयर के क्षेत्र में गेंहू की फसल की खेती की जाती है। गेंहू एक रबी की फसल है जिसमे जनवरी माह के अंत तक बालियाँ निकलनी शुरू हो जाती हैं। जिस गेंहू की फसल की बुवाई किसानों ने देरी से की है यानि की गेंहू की फसल पछेती है। वो किसान अपनी फसल के उत्पादन को शानदार बनाने की कोशिशों में लगे हुए है। किसान भाइयों कृषि विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों की सलाह के अनुसार इस समय पर गेंहू की फसल में यूरिया उर्वरक का उपयोग करने से परहेज करना चाहिए। क्योकि यूरिया के बहुत अधिक मात्रा में इस्तेमाल करने से आपको इसके विपरीत परिणाम देखने को मिल सकते है और इसके बहुत अधिक उपयोग करने से गेंहू की फसल की उत्पादकता भी घट सकती है।
गेंहू की फसल (Wheat Crop) हेतु कृषि वैज्ञानिकों की सलाह-
किसान साथियों गेंहू की फसल के उत्पादन को बढ़ाने तथा उर्वरको के सही ढंग से इस्तेमाल को लेकर के खरगोन कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. जीएस कुलमी ने किसानों को एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी दी है। डॉ. जीएस कुलमी के अनुसार गेंहू की फसल की अच्छी उत्पादकता के लिए यूरिया उर्वरक का उपयोग बहुत ही महत्वपूर्ण है ,परन्तु इसके उपयोग के समय इसकी एक निश्चित मात्रा और इसका समय का खास तौर पर ख्याल रखना चाहिए।
किसान साथियों यदि किसान भाई यूरिया उर्वरक का इस्तेमाल बहुत अधिक मात्रा में करता है या समय के विपरीत यूरिया का इस्तेमाल करता है तो उस किसान को यूरिया के ऋणात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते है। अर्थात उसकी फसल खराब हो सकती है। अपनी गेंहू की फसल को नुकसान से बचाने के लिए यूरिया उर्वरक का उपयोग सही मात्रा और सही समय पर करना चाहिए। जिससे की गेंहू की फसल के उत्पादन को बढ़ाया जा सके तथा किसानों के उर्वरको पर होने वाले खर्चे में भी कमी हो सके।
गेंहू की फसल (Wheat Crop) में यूरिया के इस्तेमाल का सही तरीका-
किसान साथियों जैसा की आप सभी जानते है की गेंहू की फसल के लिए यूरिया एक बहुत ही महत्वपूर्ण उर्वरक है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार गेंहू की फसल की बुवाई करते समय बीज के साथ ही पोटाश तथा फॉस्फोरस को मिला देना चाहिए। परन्तु यूरिया का इस्तेमाल थोड़े अलग ढंग से करना चाहिए। गेंहू की फसल में यूरिया को एक साथ ही एक बार में पूरी मात्रा को फसल में नहीं डालना चाहिए।
गेंहू की फसल में यूरिया को कुछ भागों में बाँट करके और अलग-अलग समय पर डालना चाहिए। यूरिया की निर्धारित मात्रा की आधी मात्रा को गेंहू की फसल की बुवाई करते समय खेत में डाल देना चाहिए। तथा बाकि बची हुयी आधी मात्रा को अलग अलग समय पर आवश्यानुसार गेंहू की फसल में डालनी चाहिए। यूरिया के इस प्रकार के इस्तेमाल से गेंहू की फसल को अधिक मात्रा में पोषण प्राप्त होता है तथा साथ ही इससे गेंहू के उत्पादन में वृद्धि होने में सहायता मिलती है।
गेंहू की फसल (Wheat Crop) में यूरिया की कितनी मात्रा निर्धारित है-
किसान साथियों गेंहू की फसल में उर्वरको का उपयोग करते समय आपको कुछ महत्वपूर्ण बातें आवश्यक रूप से ध्यान में रखनी चाहिए। किसान भाइयों यूरिया की निर्धारित मात्रा की आधी मात्रा को गेंहू की फसल की बुवाई करते समय खेत में डाल देना चाहिए। तथा बाकि बची हुयी आधी मात्रा को अलग अलग समय पर आवश्यानुसार दो भागों में बाँट करके गेंहू की फसल में डालनी चाहिए।
किसान भाइयों शेष आधी बची हुयी यूरिया की मात्रा को दो भागो में बाँट लेना चाहिए तथा शेष बची यूरिया का पहला एक चौथाई हिस्सा गेंहू की फसल की बुवाई के लगभग 20-24 दिन बाद डालना चाहिए। बाकि बचा यूरिया का दूसरा एक चौथाई हिस्सा गेंहू की बुवाई के लगभग 40-42 दिनों के बाद डालना चाहिए या आप पहले एक चौथाई हिस्से के छिड़काव के लगभग 20-22 दिनों के बाद करना चाहिए।
गेंहू की फसल (Wheat Crop) में यूरिया छिड़काव का सही तरीका-
किसान साथियों गेंहू की फसल में यूरिया के छिड़काव हेतु सबसे महत्वपूर्ण बात ये है की गेंहू की फसल में यूरिया का छिड़काव फसल में पानी लगाने यानि की सिंचाई के बाद करना है सिंचाई से पहले नहीं करना है। क्योंकि यदि आप सिंचाई से पहले गेंहू की फसल में यूरिया का छिड़काव करते है तो यह यूरिया मिट्टी के नीचे दब जाती है और गेंहू की फसल की जड़ों तक नहीं पहुंच पाती है। जिसके कारण गेंहू की फसल को पर्याप्त मात्रा में पोषण उपलब्ध नहीं हो पाता है।
किसान भाइयों खरगोन कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ. जीएस कुलमी के अनुसार गेंहू की फसल में यूरिया के छिड़काव का सही तरीका सिंचाई के बाद छिड़काव करना है। अदि आप यूरिया का छिड़काव सिंचाई से पहले करते है तो यूरिया के दाने पानी के तेज बहाव के साथ आगे की और बह जाते है। और खेत में जिस जगह पर भूमि में स्लोप या नीची जगह होती है उस जगह पर जाकर के यूरिया जमा हो जाती है। जिसके कारण पुरे खेत में एक समान रूप से यूरिया का प्रभाव नहीं हो पाता है। इसलिए किसान भाइयों गेंहू की फसल में यूरिया का छिड़काव सिंचाई हो जाने के लगभग 2-3 दिनों के बाद करना चाहिए। जिससे की पुरे खेत में एक समान रूप से यूरिया का प्रभाव हो तथा गेंहू के उत्पादन में हमें अच्छा परिणाम मिले।